आपका ब्लड प्रेशर लेवल दिन के अलग-अलग समय पर क़ुदरती तौर पर बदलता रहता है. इसके अलावा कई वजहों से भी इसपर असर पड़ता है, जैसेकि आपने क्या खाया, कितना खाया और कितनी एक्सरसाइज़ की. इसलिए, ब्लड प्रेशर लेवल की जांच करते हुए अलग-अलग रीडिंग आना नॉर्मल बात है.
हालांकि, कुछ ख़ास वजहों से आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा ऊपर – नीचे हो सकता है, जिसका असर रीडिंग पर पड़ता है. अपने ब्लड प्रेशर की जांच करने से पहले इन वजहों पर कंट्रोल करना ज़रूरी होता है, ताकि आपको सही रीडिंग मिल सकें. वो वजहें नीचे बताई गई हैं:
घबराहट:
अस्पताल या डॉक्टर के पास जाने से पहले लोगों में एक तरह की घबराहट होती है, जिसकी वजह से उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जता है. इसे “वाईट कोट इफ़ेक्ट” कहा जाता है. इस इफ़ेक्ट से बचने के लिए आप अपना ब्लड प्रेशर घर में जांचकर रीडिंग नोट कर सकते हैं.
ग़लत कफ़ साइज़ इस्तेमाल करना:
ब्लड प्रेशर मापने के लिए हाथ पर जो चौड़ा सा बेल्ट बांधा जाता है, उसे ब्लड प्रेशर मॉनिटर कफ़ या आर्म कफ़ कहते है. अगर वो कफ़ आपको अच्छी तरह फ़िट हो गया है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो साइज़ बिलकुल सही है. कफ़ का साइज़ तय करने के लिए अपनी ऊपरी बांह (कंधे और कोहनी के बीच) के घेरे को मापने के लिए टेप का इस्तेमाल करें. टेप को बहुत टाइट न रखें. सेंटीमीटर में सही माप लिखें.
बांह की ग़लत पोज़ीशन:
ब्लड प्रेशर चेक करते समय अगर आपकी बांह आपके शरीर की सीध में है, तो इससे आपकी रीडिंग बहुत ज़्यादा हाई आ सकती है, जबकि आपका ब्लड प्रेशर उतना हाई होता नहीं. रीडिंग लेते समय आपकी बांह मेज़ पर थोड़ी मुड़ी हुई इस तरह से हो कि कोहनी सीने की ऊंचाई पर हो.
आर्म कफ़ का ग़लत बंधा होना:
ध्यान दें कि आपकी बांह पर आर्म कफ़ सही ढंग से बंधा हो. ये ना तो बहुत टाइट होना चाहिए और ना ही बहुत ढीला. कफ़ बांधने के बाद आपकी स्किन और कफ़ के बीच एक उंगली जाने भर की जगह होना चाहिए. कफ़ को अपनी बांह के चारों ओर लपेटने के बाद जांच लें कि सेंसर, धमनी पर सही पोज़ीशन में है. एयर ट्यूब आपके हाथ के अंदर की ओर नीचे होना चाहिए.
खाना, पीना और एक्सरसाइज़:
ब्लड प्रेशर की जांच से पहले कुछ भी खाने, शराब या चाय-कॉफ़ी पीने और स्मोकिंग से बचें. रीडिंग लेने से पहले 5-10 मिनट आराम कर लेना बेहतर रहता है. ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए शांत और सुकून भरी जगह चुनें.