अपने दिल की बेहतरी के लिए अपनाएं यह डायट
अलग-अलग तरह का लज़ीज़ और ज़ायकेदार खाना सभी को पसंद होता है, लेकिन अपने खाने के स्वाद का आनंद लेते समय उससे सेहत पर पड़ने वाले असर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. लिहाज़ा एक हेल्दी डाइट चुनना भी बहुत ज़रूरी है.
जानें हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट फ़ेलियर के बीच क्या संबंध...
डॉक्टर्स का कहना है कि हाइपरटेंशन और हार्ट फ़ेलियर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों? ये जानने के लिए लेख पढ़ें.
दिल से जुड़ी परेशानी को कंट्रोल करना है? इन पांच बातों...
दिल से जुड़ी परेशानी के बारे में सोचना भी डरावना होता है. यहां कुछ बातें बताई गई हैं, जो आप जोख़िमों को कम करने के लिए कर सकते हैं.
Food for Heart: दिन की अच्छी शुरूआत के लिए आज़माएं फटाफट...
तो क्या आप भी सोचते हैं कि खाने पीने की चीज़ों में परहेज़ करना आपके खाने को काफी बोरिंग बना देता है? तो ज़रा दोबारा सोचिए, क्योंकि हम आपके लिए लाए हैं तीन ऐसी ब्रेकफ़ास्ट रेसिपीज़ जिससे आप अपने दिन की स्वादिष्ट शुरूआत कर पाएंगे!
हार्ट फ़ेलियर के चेतावनी वाले लक्षणों को समझें
हार्ट फ़ेलियर के लक्षण, ख़ास तौर पर शुरूआती लक्षण हल्के होते है और साफ़ तौर पर ज़ाहिर नहीं होते इसलिए आमतौर पर नज़रअंदाज़ हो जाते हैं. यहां उन सामान्य लक्षणों की सूची दी गई है, जो शरीर हमें बताने की कोशिश करता है. इनके बारे में पढ़ें और इन पर ध्यान दें!
अगर दिल को बनाए रखना चाहते हैं सेहतमंद, तो ध्यान रखें...
आप यकीनन अपनी उम्र, लिंग, फैमिली हिस्ट्री या जेनेटिक्स तो नहीं बदल सकते हैं, लेकिन आप अपनी लाइफ़स्टाइल में कुछ आसान से बदलाव कर सकते हैं और सेहतमंद दिल के लिए अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं!
कोलेस्ट्रॉल और कार्डियोवैस्कुलर रोग- आपको क्या है जानना ज़रूरी
हाई कोलेस्ट्रॉल तेजी से एक ऐसा शब्द बनता जा रहा है जिसके बारे में ज़्यादातर लोगों को उनके डॉक्टरों ने चेताया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दिल से जुड़ी बीमारी पैदा कर आपकी जान को जोख़िम में डाल देता है. यहां बताया गया है कैसे?
कैसे हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां आपस में जुड़ी...
हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों की अहम वजह है. मोटापा, धूम्रपान, फैमिली हिस्ट्री और शराब के अधिक सेवन से ये ख़तरा और बढ़ जाता है.
दिल की सेहत: कभी-कभी किसी लक्षण का न होना भी एक...
दिल की ज़्यादातर बीमारियों की शुरुआत में हाथ-पांव में सूजन, स्लीप एपनिया, सांस फूलने या कामकाज करने में थकान जैसे लक्षण नज़र आते हैं.
वज़न पर कंट्रोल के लिए अपने BMI पर लगातार नज़र रखना...
आपका बॉडी मास इंडेक्स या BMI ऐसा ही एक नंबर है. यह आपके शरीर में फ़ैट की मात्रा का पता लगाने के लिए एक आसान सा गुणा-भाग है. अगर आप अपना BMI जानते हैं, तो आपके लिए यह पता लगाना आसान है कि आपके क़द के हिसाब से आपके शरीर का वज़न सही है या नहीं.