डायबिटीज़ से आप में उत्साह की कमी हो सकती है. हो सकता है आपका हौसला इस क़दर पस्त हो जाए कि आप ख़ुद को असहाय महसूस करने लगें. डायबिटीज़ की देखभाल में आपको अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ख़ासतौर पर जब आपको मनचाहा नतीजा न मिल रहा हो. ब्लड ग्लूकोज़ में होने वाले उतार-चढ़ाव के चलते अक्सर मन उचाट हो जाता है जिससे आपकी सेहत पर और भी बुरा असर पड़ता है. आपने महसूस किया होगा कि जब आप बहुत ज़्यादा इन बातों को लेकर परेशान होते हैं तब आपका ब्लड शुगर और भी बिगड़ने लगता है. ऐसी हालत में तनाव बढ़ने लगता है, जिसे अनदेखा करना आपके लिए बिलकुल ठीक नहीं.
क्या हो अगर आप स्ट्रेस को सकारात्मक नज़रिए से देखें? स्ट्रेस होने पर मन को किसी दूसरी चीज़ में लगाना भावनात्मक यानी इमोशनल हालातों को संभालने का सबसे अच्छा तरीक़ा है. ऐसे में अगर आप ख़ुद को पॉज़िटिव गतिविधियों में शामिल करें, तो आप नई सेहतमंद आदत अपनाने के लिए मोटिवेटेड महसूस करेंगे या अगर आप ऐसी अच्छी आदतों को अपने रोज़ के काम में शामिल करेंगे, तो इससे डायबिटीज़ की देखभाल में आसानी होगी.
मिलने का प्लान बनाएं
किसी ऐसे जिगरी दोस्त से मिलना कैसा रहेगा, जिनसे मिले एक अरसा हो गया है. क्यों न कभी आप दोनों कुछ पल एक साथ बिताएं. घर पर छोटी-मोटी पार्टी रखें, इंडोर गेम यानी घर के अंदर ही खेलने वाले खेल खेलें या फिर किसी कैफ़े में गपशप करें और बोर्ड गेम जैसी चीज़ों में हिस्सा लें. अगर दूरी की वजह से आप एक दूसरे से नहीं मिल पाते, तो ढेर सारे मौजूद ऑनलाइन गेम में हिस्सा लेकर दोस्ती के पुराने दिनों को ताज़ा कर सकते हैं.
मेडिटेशन
ध्यान लगाना यानी मेडिटेशन करना डायबिटिज़ से प्रभावित लोगों के लिए फ़ायदेमंद होता है, साथ ही इससे ज़िंदगी के प्रति आपके नज़रिए में भी सकरात्मकता आती है. नियमित तौर पर मेडिटेशन करने से आपको अच्छी नींद पाने में मदद मिलती है. आपका तनाव, बेचैनी जैसी भावनाएं अच्छी भावनाओं में तब्दील होने लगती हैं. और हां मेडिटेशन से शरीर को भी काफ़ी राहत मिलती है.
हॉट बाथ
हॉट बाथ लेने यानी गरम पानी में नहाने से मन और शरीर को अच्छा महसूस होता है. इसके अलावा, इससे आपको मूड स्विंग से बचने और शांत रहने में भी मदद मिलती है. सोने के पहले गरम पानी में नहाना तनाव कम करने का सबसे बेहतरीन तरीक़ा है[1]. बढ़े हुए तापमान से सेरोटोनिन रिलीज़ होता है. यह ख़ुशी वाले हॉर्मोन होते हैं, जो कि बेहतर मिजाज़, खाने की बेहतर क्षमता, इच्छा और संतुष्टि पाने के लिए ज़रूरी होते हैं. लिहाज़ा, दिनभर की थकान के बाद हॉट शावर लेने से आपको ताज़गी महसूस होती है.
किताबों से दोस्ती करें
पढ़ते समय आप ज़िंदगी की उलझनों के बारे में नहीं सोचते, इस दौरान आप अलग ही दुनिया में होते हैं. इससे आपकी बेचैनी कम होती है. आपका दिमाग शांत रहता है. इसके अलावा अगर आप व्यक्तिगत विकास से जुड़ी या धार्मिक किताबें चुनते हैं, तो आपको मन में उठने वाले कई सवालों के जवाब भी मिल जाते हैं और साथ ही उनपर अमल कैसे करना है यह भी जान पाते हैं. आप किताब की बातों से खुद को जोड़कर देख पाते हैं, जिससे आपको शांति से आगे बढ़ने में मदद मिलती है.
पार्क के चक्कर लगा लें
हम सभी मन की उस अवस्था तक पहुंचे हैं, जहां हम ख़ुद से, अपने काम से और अपने रिश्तों से शिकायत करने लगते हैं. स्थिति तब और भी बुरी हो जाती है, जब आपके ऊपर डायबिटीज़ जैसी बिमारी की देखभाल की एक्स्ट्रा ज़िम्मेदारी हो. ऐसे में विटामिन ‘G’ या हरियाली आपको बचाने में कारगर होता है. अपने किसी दोस्त या क़रीबी के साथ पार्क में टहलने से न सिर्फ़ अपने मूड को बेहतर बनाने में मदद मिलती है बल्कि इसी बहाने आप अपने दिनभर की एक्टिविटी का कोटा भी पूरा कर लेते हैं. प्रकृति और हरी-भरी जगह आपके मानसिक सेहत और भावनाओं पर एक सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. अपना ईयरफ़ोन लगाएं, पसंदीदा संगीत सुनें और मस्त माहौल में खो जाएं.
जानवरों से करें दोस्ती
इसमें कोई दो राय नहीं कि पेट यानी पालतू जानवर कई तरीकों से आपके ज़िंदगी में बदलाव ला सकते हैं. वे न केवल आपको एक्टिव बनाए रखते हैं बल्कि तनाव दूर करने के लिहाज़ से भी कमाल होते हैं. इसमें कोई ताज्जुब नहीं कि ‘पेट थेरेपी’ से मन पर अच्छा असर होता है. इसलिए जब भी आप भावनात्मक रूप से कमज़ोर महसूस करें, अपने पेट के साथ खेलें या इससे भी बेहतर उन्हें सैर के लिए ले जाएं. उनकी अजीब सी हरकतें आपको हंसाएगी और आपके प्रति निस्वार्थ उनका प्रेम आपको स्पेशल महसूस कराएगा.
गुस्सा या झुंझलाहट से बचने और दिमाग को व्यस्त रखने के लिए आप कौन सा तरीक़ा अपनाते हैं? कमेंट सेक्शन में हमें ज़रूर बताएं!
संदर्भ:
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/10979246