हार्ट अटैक से उबर पाना भावनात्मक रूप से झिंझोड़ के रख देने वाला काम है लेकिन एक सर्वाइवर के नाते, आपकी प्राथमिकता अपनी सेहत को दुरुस्त रखकर आने वाले हार्ट अटैक से बचना है. एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. संदीप मिश्रा, के मुताबिक़ कई लोग पहला हार्ट अटैक झेलने के बावजूद एक सेहतमंद, ख़ुशहाल ज़िंदगी जीते हैं, बशर्ते वे अपनी सेहत को लेकर ज़िम्मेदार रवैया अपनाएं.
पहले हार्ट अटैक के बाद एक सेहतमंद ज़िंदगी कैसे जी जाए, इसके लिए डॉ. मिश्रा कुछ सुझाव दे रहे हैं.
1. अपनी दवाई नियमित रूप से लें:
डॉ. मिश्रा कहते हैं, “शुरू में, आपके डॉक्टर आपको ख़ून पतला करने के लिए दवाई देंगे ताकि धमनियों में ख़ून का थक्का न जम पाए. दी गई दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी रखें और उन्हें नियमित रूप से लें.” अपने परिवार को भी अपनी दवाइयों के बारे में जानकारी रखने को कहें. डॉक्टर से फॉलो-अप करने के लिए मिलने जाने से कतराएं नहीं; वे आपको आपके दिल की सेहत की सही जानकारी रखने में बेहतर तरह से मदद करेंगे.
2. सेहतमंद आहार लें:
हार्ट अटैक की तीन बड़ी वजहें (डाइबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन) खान-पान की बुरी आदतों से सरोकार रखती हैं. नीचे डॉ. मिश्रा खान-पान में कुछ बदलाव लाने के सुझाव दे रहे हैं:
- हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए नमक खाना कम करें
- डाइबिटीज़ और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अपने खान-पान से शक्कर वाली, मोटापा बढ़ाने वाली और प्रोसेस की हुई चीज़ें हटा दें
- शाक-सब्ज़ी, फल, फली, सूखे मेवे, बीन्स और साबुत अनाज से भरपूर आहार लें
- वनस्पति घी और देसी घी का इस्तेमाल बिलकुल बंद कर दें
- अपने भोजन में तेल का इस्तेमाल बेहद कम कर दें. दो अलग तरह के तेलों को बदल बदलकर इस्तेमाल करना अच्छा रहता है
- लाल मांस खाने से परहेज करें. इसकी जगह आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली खा सकते हैं.
3. सही तरीक़े से कसरत करें:
डॉ. मिश्रा कहते हैं “कुछ मरीज़ हार्ट अटैक के बाद शारीरिक कसरत करना बंद कर देते हैं, इस डर से कि कहीं दोबारा हार्ट अटैक न आ जाए. लेकिन ऐसा होना नहीं चाहिए. यह याद रखें कि बिस्तर पर लेटे रहने से आपको बिलकुल ठीक होने में बहुत देर लग जाएगी. वहीं दूसरी तरफ़, ज़रूरत से ज़्यादा शारीरिक कसरत और मेहनत से भी परहेज़ करना चाहिए. भार उठाने वाली और बदन को गठीला बनाने वाली कसरत से भी बचना चाहिए. आप हल्की-फ़ुल्की कसरत से शुरुआत कर सकते हैं, जैसे कि सैर करना, तैरना, और स्ट्रेच करना.”
4. शराब से परहेज़ करें:
डॉ. मिश्रा के मुताबिक़, पश्चिमी देशों के लोगों के बीच हुए अध्ययनों से सामने आया है कि संतुलित मात्रा में शराब का सेवन दिल की सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है; हालांकि ऐसा कोई अध्ययन सामने नहीं आया है जो साबित करे कि शराब भारत के लोगों की सेहत पर भी अच्छा असर डालती है. इसीलिए, बेहतर होगा कि अपने दिल की सेहत को लेकर आप अपने डॉक्टर से विमर्श करें.
5. तंबाकू से तौबा करें:
डॉ. मिश्रा के मुताबिक़, एक हार्ट अटैक झेलने के बावजूद सिगरेट पीते रहना मुसीबत को न्योता देना है. सिर्फ़ सिगरेट ही नहीं, तंबाकू, वह चाहे किसी भी रूप में हो, उससे दूरी बना लेनी चाहिए. इसके अलावा, उन जगहों से भी दूरी बना लेनी चाहिए जहां रहने पर तंबाकू का धुआं सांस के साथ आपके अंदर जा रहा हो क्योंकि यह भी आपके दिल के लिए सिगरेट पीने जितना ही ख़तरनाक है.
6. अपनी भावनाओं का ख़्याल रखें:
डॉ. मिश्रा इस बात पर भी चर्चा करते हैं कि हार्ट अटैक से जूझना आपके भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर डालता है, जो कि ज़ाहिर सी बात है. ऐसा होने पर भूख मर जाना, घबराहट, लोगों से दूरी रखना, मेहनत करने से जी चुराना, और कुछ मामलों में डिप्रेशन जैसी शिकायतें सामने आती हैं. इन शिकायतों की अनदेखी न करें और समय रहते इनसे निपटने के लिए मदद मांगने से गुरेज़ न करें. अपने डॉक्टर से अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को लेकर विमर्श करें और उसे ठीक करने के लिए काउन्सलिंग की मदद लेने के लिए तैयार रहें.