जब बात हो सेहतमंद दिल की, तो एक्सरसाइज़ करने के फ़ायदे बहुत लंबे समय तक होते हैं. एक्सरसाइज़ करने से वज़न कम करने में मदद मिलती है और इससे सीधे तौर पर ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आता है. एक्सरसाइज़ करने से हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित लोगों में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में सुधार होता है, जिसकी वजह से बेहतर तरीके से सर्कुलेशन होता है. संयुक्त स्वास्थ्य समिति (जॉइंट हेल्थ कमिटी) ने हाइपरटेंशन मैनेजमेंट से जुड़ी जो गाइडलाइन जारी की है, उसके हिसाब से रोज़ाना एक्सरसाइज़ करने से हाइपरटेंशन वालों का भी 4-6 mmHg ब्लड प्रेशर कम होता है. हालांकि, एक्सरसाइज़ एक ऐसा तरीक़ा है जिससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है. अगर आप एक्सरसाइज़ करना बंद कर देते हैं, तो इससे आपको होने वाला फ़ायदा भी नहीं मिलेगा. इसलिए ज़रूरी है कि आप लगातार एक्सरसाइज़ करते रहें और इसके लिए अपना हौसला बढ़ाते रहें. आप शुरुआत एक आसान से फ़िज़िकल एक्टिविटी से कर सकते हैं बाद में ख़ुदको जोड़े रखने के लिए आप दूसरे प्रकार की एक्टिविटी भी शामिल कर सकते हैं.
यहां ऐसे 6 एक्सरसाइज़ दिए गए हैं, जिनसे आप शुरुआत कर सकते हैं:
1. तेज़ चलना (Brisk walk)
चलना, एक्सरसाइज़ करने का सबसे आसान तरीका है. अगर आपको हाइपरटेंशन है, तो आप इस आसान से एक्सरसाइज़ से शुरुआत कर सकते हैं. ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल करने के लिए इस एक्सरसाइज़ को करने की सबसे ज़्यादा सलाह दी जाती है, ख़ासतौर पर 50 से 60 साल की उम्र के लोगों को. तेज़ चलना एक तरह का मीडियम स्ट्रेंग्थ वाला एरोबिक एक्सरसाइज़ है, जिसमें मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है. ज़्यादा एनर्जी भी खर्च होती है जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है. ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए हर रोज़ 30 मिनट तेज़ी से चलना बेहतर होता है. जब आपका स्टैमिना बढ़ जाएगा, तो आप हफ़्ते में एक से दो बार जॉगिंग भी कर सकते हैं.
2. तैराकी:
एक और एक्सरसाइज़ जिसमें मांसपेशियों की ताकत का इस्तेमाल होता है और बड़े पैमाने पर कैलोरी भी बर्न होती है, वह है स्वीमिंग. इसके आलावा अगर आपको हाइपरटेंशन हैं, तो स्वीमिंग करने से शरीर रिलैक्स होता है और ये डी-स्ट्रेसिंग के लिए भी बहुत अच्छा है. ये एक्सरसाइज़ ख़ासतौर पर ज़्यादा उम्र वालों के लिए बहुत बेहतर हैं, जो चलने या जॉगिंग करने के बाद घुटने दुखने की शिकायत करते हैं. ये न केवल ब्लड वेसल के काम करने की गति को सुधारता है बल्कि इससे शरीर भी ठंडा रहता है, जबकि दूसरे एक्सरसाइज़ करते समय शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव होता है.
3. घर के काम जैसी रोज़ाना की एक्टिविटी:
अगर आप उन लोगों में से हैं, जिनके लिए किसी फ़िटनेस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए समय निकालना एक मुश्किल है, तो आपको अपने रोज़मर्रा की ज़िंदगी से कुछ ऐसी एक्टिविटी की पहचान करनी होगी जिसे आप अपनी एक्सरसाइज़ रुटीन बना सकें. आप अपने ऑफ़िस या घर जाने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. सीढियां चढ़ने से कार्डियाक आउटपुट बढ़ता है और ब्लड वेसल्स से ख़ून के बहाव में भी सुधार होता है. इसके अलावा साफ़-सफ़ाई और गार्डनिंग जैसे घरेलु काम से भी फ़िज़िकल एक्टिविटी होती है और इससे हाइपरटेंशन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
4. डांस फ़िटनेस:
अगर आपको डांस करना पसंद है और म्यूज़िक से एक्सरसाइज़ करने के लिए आपका हौसला बढ़ता है, तो आपको नए ज़माने के डांस फ़िटनेस प्रोग्राम, जुम्बा को आज़माना चाहिए. जुम्बा एक डांस एक्सरसाइज़ प्रोग्राम है, जिससे हाइपरटेंशन वाले लोगों को काफी फ़ायदा होते हुए देखा गया है. आजकल लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. 25 से लेकर 55 साल की उम्र के लोग इस प्रोग्राम का फ़ायदा उठा सकते हैं. इस प्रोग्राम में सामान्य से लेकर मध्यम-कठिनाई वाली कुछ एरोबिक एक्टिविटी शामिल होती हैं, जिनका मकसद दिल को मजबूत और फ़िट बनाकर सेहतमंद बनाना होता है.
5. रेसिस्टेंस ट्रेनिंग:
यह एक गलतफ़हमी है कि हाइपरटेंशन वाले लोगों को एक्सरसाइज़ के तौर पर रेसिस्टेंस या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग प्रोग्राम से बचना चाहिए. हालांकि, ऐसे किसी भी एक्सरसाइज़ से जिसमें एक्सरसाइज़ करते हुए दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, वो लंबे समय तक दिल की सेहत और ब्लड प्रेशर लेवल को सुधारने में मदद करते हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि हाइपरटेंशन वाले लोगों में 4-5 mm Hg ब्लड प्रेशर कम हुआ है. इसलिए सही गाइडेंस में आपके लिए अपने ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए पिलाटे या हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) जैसे ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होना बेहद फ़ायदेमंद होगा.
6. योग:
कुछ स्टडीज़ से पता चला है कि लगातार योग करने से हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में कामयाबी हासिल हुई है. सांस लेने की एक्सरसाइज़ के साथ योग के मुद्राओं से फ्लेक्सिबिलिटी, बैलेंस और स्ट्रेंथ में सुधार होता है. योग के कुछ आसन से ख़ासतौर पर ख़ून के बहाव की गति बेहतर होती है और सांस लेने में भी सुधार होता है. लगातार योग और ध्यान करने से स्ट्रेस लेवल कम होता है और स्ट्रेस एक ऐसा फैक्टर है जिसका हाइपरटेंशन की स्थिति को और खराब करने में अहम भूमिका होती है.
संदर्भ:
References:
- By Raymond R. Townsend. 100 Questions & Answers about High Blood Pressure (Hypertension)
- By Jon G. Divine, American College of Sports Medicine. Action Plan for High Blood Pressure
- S.Jitesh et al /J. Pharm. Sci. & Res. Vol. 8(6), 2016, 501-50. Effect Of Zumba Dance On Blood Pressure
- Pescatello, Linda S et al. “Exercise for Hypertension: A Prescription Update Integrating Existing Recommendations with Emerging Research.” Current hypertension reports vol. 17,11 (2015): 87. doi:10.1007/s11906-015-0600-y
- Hagins, M., Selfe, T. and Innes, K., 2013. Effectiveness of yoga for hypertension: systematic review and meta-analysis. Evidence-Based Complementary and Alternative Medicine, 2013.