हाइपरटेंशन की परेशानी को क़ाबू में रखने या एंटीहाइपरटेंसिव थेरैपी के असर का पता लगाने के लिए घर पर ही ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने की सलाह दी जाती है. खुद ही ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने वाले डिवाइस पर पैसे खर्च करना सबसे अच्छा सौदा है.
जैसे-जैसे दिन बीतता है ब्लड प्रेशर का स्तर बदलता जाता है. दिनभर ब्लड प्रेशर में आए उतार-चढ़ाव पर नज़र रखने से वक़्त पर दवा लेने या लाइफ़ स्टाइल में बदलाव लाने की कोशिश को क़ामयाब बनाने में मदद मिलती है जिससे हाई ब्लड प्रेशर को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकते हैं. सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स में इंटर्नल मेडिसिन के हेड ऑफ़ दी डिपार्टमेंट डॉ. एस. के. मूंदड़ा, आपको ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करने और सही रीडिंग लेने के सही समय के बारे में सुझाव दे रहे हैं:
अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा है, तो उसे नियमित रूप से मॉनिटर करना ज़रूरी है क्योंकि यही बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर सेहत से जुड़ी दूसरी बीमारियों की वजह बन सकता है. पहली रीडिंग सुबह उठते ही लेनी चाहिए. इस समय, कोई शारीरिक मेहनत या तनाव न होने से आपका शरीर किसी तरह की थकान महसूस नहीं करता है और सुस्ताया रहता है. यही नहीं, चूंकि आपने बहुत देर से दवा नहीं ली है, इसीलिए ब्लड प्रेशर की रीडिंग सही होने की संभावना ज़्यादा होती है.
रीडिंग लेने से पहले पानी न पिएं और न ही कुछ खाएं. चाय या कैफ़ीन वाली चीज़ें पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जिससे रीडिंग ग़लत आ सकती है. सुबह उठने के साथ ही आप ब्लड प्रेशर की जांच करना न भूलें, इसके लिए ब्लड प्रेशर मॉनिटर को अपने बिस्तर के बगल में रिमाइंडर के तौर पर रख सकते हैं.
दूसरी रीडिंग शाम को या दवा लेने के कुछ घंटों बाद रिकॉर्ड की जा सकती है. हालांकि, यह ज़रूर देख लें कि आपके खाने-पीने की चीज़ों में नमक कम रहे क्योंकि यह आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ा सकता है.
हर दिन और समय पर ब्लड प्रेशर का माप लेना आपको और आपके डॉक्टर को यह तय करने में मदद कर सकता है कि आपकी दवा और उसकी ख़ुराक में कोई बदलाव तो नहीं करना है.