सांस अंदर लें…सांस बहार छोडें…अब शांत होकर बैठ जाएं.
हम अक्सर योग को अध्यातमिक व्यायाम की नज़र से देखते हैं, कुछ ऐसा जिसे बेहतर एकाग्रता हासिल करने और शारीरिक व्यायाम से पहले, शरीर को स्ट्रैच करने के लिए किया जाता है. योग के बारे में एक ग़लत सोच ये भी है कि जब शरीर बूढ़ा हो जाता है और झुर्रियों से भर जाता है और ऐसी स्थिती में जब इंसान जिम में बाकी व्यायाम नहीं कर पाता तो वह ‘ब्रीदिंग एक्सरसाइज़’ के तौर पर योग को अपना सकता है.
लेकिन योग सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. योग एक ऐसा व्यायाम है जो प्राचीन काल से चला आ रहा है, जिसने प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों को स्वस्थ और धनी बनाया.
क्या हो अगर आपको ये पता चले कि बीमारियों से लड़ने में योग के नतीजे स्टैटिस्टिकली सिद्ध हैं? एक साल तक योग का अभ्यास, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने में काफी मदद कर सकता है. फरवरी 2018 से 2019 के बीच भारत में, दिल्ली और अहमदाबाद में की गई स्टडी में हिस्सा लेने वाले लोगों के ख़राब कोलेस्ट्रॉल में काफी हद तक कमी देखी गई और उनका अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ पाया गया.[1,2]
हाल ही के वर्षों में भारत की शहरी आबादी के 30% और ग्रामीण आबादी के 20% लोग हाई कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त पाए गए.[3] इतने आंकड़े आपको प्रेरणा देने के लिए काफी होंगे, कि आप अपनी योगा पैंट और मैट निकालें और योग करने के लिए तैयार हो जाएं.
तो चलिए बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में जो आपका कॉलेस्ट्रॉल कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं:
- नौकासन (बोट पोज़): पीठ के बल मैट पर लेट जाएं, दोनो हाथों को शरीर के साथ लगा लें, और दोनों पैरों को एक साथ जोड़ लें. पहले गहरी सांस लें और फिर अपनी टांगों और हांथों को ज़मीन से उठाते वक्त धीरे-धीरे सांस छोड़ें. अपने हाथों के साथ-साथ अपने धड़ को भी ऊपर उठाएं. 10-20 सेकेंड तक इसी मुद्रा में रहें फिर धीरे-धीरे अपनी पहले वाली स्थिती में आ जाएं.[4]
- मत्स्यासन (फिश पोज़): पीठ के बल मैट पर लेट जाएं, हाथों को शरीर के साथ लगा लें, और दोनों पारों को एक साथ जोड़ लें. अपनी हथेलियों को हिप्स के नीचे लगाएं और अपनी कोहनियों को अंदर की ओर खीचें और एक दूसरे के करीब लाने की कोशिश करें. फिर धीरे से अपने सिर को ज़मीन से ऊपर उठाएं और अपने पैरों को बाहर की ओर खीचें. इस बात का ध्यान रखें कि आपके शरीर का भार आपकी कोहनियों पर हो, न की आपके सिर पर. इस मुद्रा में जितनी देर हो सके उतनी देर बने रहें, और फिऱ धीरे-धीरे अपनी पहने वाली मुद्रा में वापस आ जाएं. एक बात ध्यान में रखें कि इस मुद्रा के दौरान सांसों की गति सामान्य बनाए रखें.[5]
- धनुरासन (बो पोज़): योगा मैट पर अपने पेट के बल लेट जाएं, अपने कूल्हों की चौड़ाई पर अपने पैरों को खोलें. अब टांगों को अपनी पीठ की ओर घुटनों से मोड़ें, और अपने पैरों या अपनी एड़ियों को हाथों से पकड़ें. अब धीरे से सांस अंदर लेते हुए अपने सिर को ज़मीन से ऊपर उठाएं. सांसों की गति सामान्य रखें और 15-20 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहें. फिर धीरे से अपनी पुरानी मुद्रा में वापिस लौट आएं और सांस बाहर छोड़ दें.[5]
- उष्ट्रासन(कैमल पोज़): इस मुद्रा के लिए, अपने हाथ अपने हिप्स पर रखकर योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं, ध्यान रखें तलवे आकाश की तरफ हों. अपने हाथ अपने पैरों पर रखकर पीछे की ओर झुकें. फिर सांस लें और धीरे से अपनी पीठ को मोड़ें जैसे कि नाभि की ओर खींचा जा रहा है. इस बात का ध्यान रखें कि आपके हाथ बिल्कुल सीधे हों. जितनी देर हो सके इस मुद्रा में बने रहें. फिर धीरे से अपनी गर्दन पर दबाव डाले बिना पहले वाली मुद्रा में लौट आएं.[6]
- भुजंगासन (कोबरा पोज़): पेट के बल अपने योगा मैट पर लेट जाएं, आपका माथा मैट को छू रहा हो. पैर जुड़े हुए हों और आपकी हथेलियां आपके कंधों के नीचे हों. जब आप सांस छोड़ें तो अपने सिर, गर्दन, कंधों और धड़ को ऊपर उठाएं. अगर आप अपनी कमर को पूरी तरह पीछे की ओर खींच सकते हैं, तो ऐसा हाथों को बिल्कुल सीधा रखते हुए करें. ध्यान रखें कि दोनों हाथों पर एक समान भार बना रहे और इसी मुद्रा में कुछ सेकेंड के लिए बने रहें. फिर धीरे से अपनी पुरानी मुद्रा में लौट आएं औऱ रिलैक्स करें.[5]
इन योगासनों के अलावा, आप दिन में 10 बार सुर्य नमस्कार भी कर सकते हैं. इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. 2019 में अहमदाबाद में की गई एक स्टडी के मुताबिक, एक साल तक रोज़ाना 60 मिनट के लिए योगाभ्यास करने वाले 50 प्रतिभागियों के टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल में 240 से 198 mg/dL तक की कमी देखी गई. यही नहीं उनके अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी 29 से 62 mg/dL तक बढ़ गया. इस स्टडी की सबसे अहम बात ये थी कि इस स्टडी में हिस्सा लेने वाले लोगों में से कोई भी खिलाड़ी नहीं था और न ही उन्होंने इस स्टडी में हिस्सा लेने से पहले रोज़ाना योग किया था.[1]
इन बातों पर यकीन करना आपके लिए थोड़ मुश्किल हो सकता है. लेकिन अपने लाइफस्टाइस में आसाना सा बदलाव करके, जैसे रोज़ाना एक घंटे के योग को अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर, आप न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल के लिए ली जाने वाली दवाओं से बच सकते हैं बल्कि ये आपको लंबा और स्वस्थ जीवन भी देगा. किसी प्रशिक्षित सुपरवाइज़र से इस बात की सलाह लें कि आपके लिए कौन से योगासन अच्छे हैं और आपको कितने वक्त तक करने चाहिएं. आपके हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आपको दवाओं की ज़रूरत नहीं है, इसके लिए रोज़ाना योगाभ्यास ही काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
संदर्भ:
- Oza DN, Vadasaria N, Patel TA, Verma RJ. Study of therapeutic role of yoga (Hathyoga) on lipid profile in dyslipidemic individuals of Ahmedabad city. Indian J Tradit Know. 2019 Apr;18(2);333-338. Available from: http://nopr.niscair.res.in/handle/123456789/47077.
- Mahesh NK, Kumar A, Bhat KG, Verma N. Role of yoga therapy on lipid profile in patients of hypertension and prehypertension. Int J Adv Med. 2018 Apr;5(2). Available from: http://dx.doi.org/10.18203/2349-3933.ijam20180945.
- Gupta R, Rao RS, Misra A, Sharma SK. Recent trends in epidemiology of dyslipidemias in India. Indian Heart J. 2017;69(3):382–392. doi:10.1016/j.ihj.2017.02.020
- Boat Pose (Navasana) [Internet]. [updated 2018 May 02; cited 2019 Jul 08]. Available from: https://www.artofliving.org/us-en/boat-pose-navasana.
- Yoga – The natural immunity booster [Internet]. [cited 2019 Jul 08]. Available from: https://www.artofliving.org/us-en/yoga/health-and-wellness/yoga-natural-immunity-booster.
- How yoga makes menstrual cramps a history! [Internet]. [cited 2019 Jul 08]. Available from: https://www.artofliving.org/us-en/yoga/yoga-for-women/yoga-for-menstrual-cramps.