should diabetes have honey
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कंटेंट की समीक्षा: अश्विनी एस कनाडे ने की है, वे रजिस्टर्ड डाइटीशियन हैं और 17 सालों से मधुमेह से जुड़ी जानकारियों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहीं हैं.

डायबिटीज़ यानी मधुमेह से ग्रस्त होने पर अक्सर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इससे जुड़ी सलाह दी जाती होगी. एक आम सलाह ये भी मिलती होगी कि चीनी की जगह शहद खाने की आदत डालें. लेकिन इससे पहले कि आप चीनी के बदले सिर्फ़ शहद खाने की शुरुआत करें, चलिए देखते हैं, शोध और विशेषज्ञों की इस पर क्या राय है.

शहद दानेदार चीनी से कैसे अलग है?

शहद में मौजूद घटकों की वजह से यह क़ुदरतन मीठा होता है–  इसमें मीठे के तौर पर फ्रुक्टोज़ और ग्लूकोज़ के साथ ही मिनरल्स, विटामिन्स और कई दूसरे घटक भी पाए जाते हैं.(1)
शहद शक्कर से ज़्यादा मीठा होता है. इसलिए आप चीनी के ही बराबर मीठापन, हनी की कम मात्रा का इस्तेमाल करके भी पा सकते हैं.

शहद के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की वैल्यू जहां 55 है, वहीं शक्कर की ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू 65 है (जिस खाने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू कम पाया जाता है, वो डायबिटिक लोगों के लिए बेहतर होता है.)(2) आपको बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाने की उस वैल्यू को दर्शाता है, जिससे ये पता चलता है कि वह चीज़ आपके ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कितने धीमे या तेज़ रफ़्तार से बढ़ा सकती है. तो इसका मतलब ये हुआ कि शहद चीनी के मुक़ाबले कम तेज़ी से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है.

कैसे करें शहद का इस्तेमाल

सबसे बेहतर होगा कि आप कच्चे शहद, जिसमें अलग से कुछ भी ना मिलाया गया हो, उसका इस्तेमाल करें, ना कि प्रोसेस्ड शहद का.

कच्चे शहद को आप सीधे फ़ार्म से या ऑर्गेनिक खाद्य भंडार से भी ख़रीद सकते हैं. आप चीनी की जगह इसका इस्तेमाल कॉफ़ी या चाय में कर सकते हैं. इसके अलावा इसे टोस्ट, ब्रेड या पैनकेक के ऊपर लगाकर भी खाया जा सकता है. कई लोग शहद को दालचीनी की चाय में मिलाकर भी पीना पसंद करते हैं.

 जानें, दालचीनी के फ़ायदे और कैसे ये ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करती है.

शोध का क्या कहना है

टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों पर किए गए शोध में पाया गया कि सुक्रोज़ की तुलना में शहद, ग्लूकोज़ लेवल को ज़्यादा नहीं बढ़ाता, लेकिन यह इंसुलिन लेवल को ज़रूर बढ़ा देता है. इससे ये पता चलता है कि शहद इंसुलिन के रिलीज़ (स्राव) को बढ़ावा देता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को स्थिर बने रहने में मदद मिलती है.(3)

वीडियो देखें: इंसुलिन लेना भूल जाएं, तो फ़ौरन उठाएं ये क़दम

शहद को एंटी-डायबिटिक दवाओं के साथ देने पर की गई स्टडीज़ का रिव्यू करने पर पाया गया कि शहद से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में ज़्यादा मदद मिलती है और ये शरीर की कोशिकाओं पर पड़ने वाले नुक़सान को भी कम करता है.(4) मौजूदा रिर्सच के मुताबिक़ इस तरह के नुक़सान को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कहते हैं. ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस होने की सबसे ज़्यादा वजह होती है, डायबिटीज़ या इससे होने वाली परेशानियां.(5)

इससे पता चलता है कि शहद जैसी कोई भी खाने वाली चीज़ें, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट की ख़ूबी शामिल हो, वो डायबिटिक लोगों के लिए फ़ायदेमंद होती है. इसीलिए, बड़ी तादाद में डायबिटिक लोग शक्कर के मुक़ाबले शहद का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं.

हालांकि शहद के इस्तेमाल को सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त डाटा मौजूद नहीं है.

कई रिसर्च में टाइप 2 डायबिटिक लोगों ने जब शहद का इस्तेमाल किया तो इसमें कई ख़ामियाँ भी मिली, इसलिए नतीजों पर पूरी तरह यक़ीन नहीं किया सकता.

इसी तरह का एक प्रयोग 48 डायबिटिक लोगों के साथ किया गया. जिसमें 8 हफ़्तों तक एक ग्रुप को शहद खिलाया गया, लेकिन दूसरे ग्रुप को नहीं. इसके नतीजे में यह बात सामने आई कि शहद का इस्तेमाल करने वाले ग्रुप के वज़न और कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी आई, उनके HbA1c लेवल (द ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट, जिससे औसतन तीन महीनों में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मापा जाता है) में भी बढ़तोरी हुई.

ऐसे में इस स्टडी के लेखकों ने निर्देश दिए हैं कि शहद को कुछ सावधानियों के साथ ही इस्तेमाल करना चाहिए.(6)

अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज़ है और आपका ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप शक्कर की बजाय शहद का इस्तेमाल करें. भले ही शहद में शक्कर से ज़्यादा मिठास पायी जाती है, पर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, इसलिए एहतियात के साथ शहद का इस्तेमाल करना चीनी के मुक़ाबले ज़्यादा बेहतर हो सकता है.

हालांकि, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य स्तर से ज़्यादा है, या इसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है या फिर आपको डायबिटीज़ से जुड़ी परेशानियां हैं, तो हो सकता है कि शहद आपको फ़ायदे से ज़्यादा नुक़सान पहुंचा दे. तो ऐसे मामले में आपका शहद से दूरी बनाना ही बेहतर होगा.

संदर्भ:

  1. S. Bogdanov, T. Jurendic, R. Sieber, P. Gallmann. Honey for nutrition and health: a review. J Am Coll Nutr. 2008 Dec; 27(6):677-89. Available online at https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/19155427
  2. Glycemic Index: Self-Nutrition Data. Available online at http://nutritiondata.self.com/topics/glycemic-index
  3. Noori S. Al-Waili. Natural Honey Lowers Plasma Glucose, C-Reactive Protein, Homocysteine, and Blood Lipids in Healthy, Diabetic, and Hyperlipidemic Subjects: Comparison with Dextrose and Sucrose.  Journal of Medicinal Food. July 2004, 7(1): 100-107. Available online at https://doi.org/10.1089/109662004322984789
  4. O.O. Erejuwa. Effect of honey in diabetes mellitus: matters arising. Journal of Diabetes & Metabolic Disorders. 2014; 13:23 https://doi.org/10.1186/2251-6581-13-23 Available online at https://jdmdonline.biomedcentral.com/articles/10.1186/2251-6581-13-23
  5. E. Wright, J.L. Scism-Bacon, L.C. Glass. Oxidative stress in type 2 diabetes: the role of fasting and postprandial glycaemia. Int J Clin Pract. 2006 Mar; 60(3): 308–314. doi:  10.1111/j.1368-5031.2006.00825.x Available online at: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1448694/
  6. M. Bahrami, A. Ataie-Jafari, S. Hosseini, M.H. Foruzanfar, M. Rahmani, M. Pajouhi. Effects of natural honey consumption in diabetic patients: An 8-week randomized clinical trial. Int J Food Sci Nutr. 2009 Nov; 60(7):618-26. doi: 10.3109/09637480801990389.

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