obesity and bone health
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मोटापा या शरीर में फैट का बहुत ज़्यादा जमा होना आपकी सेहत को ख़तरे में डालता है. मोटापा बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के ज़रिए मापा जाता है, ज़्यादा BMI का मतलब है हाई बॉडी फैट यानी शरीर में ज़्यादा फैट जमा होना, जोकि दिल की बीमारियों, डायबिटीज़, ऑस्टियोआर्थराइटिस आदि जैसी कई समस्याओं के जोखिम की वजह बनता है. जिस महिला या पुरुष का BMI 30.1 के बराबर या उससे ज़्यादा हो, उसे मोटापे का शिकार माना जाता है. नस्ल यानी जाती के आधार पर एशियाई लोगों के लिए BMI पर यह नंबर बहुत कम यानी 25 या उससे ज़्यादा माना गया है. भारत में 135 मिलियन से ज़्यादा लोग मोटापे से प्रभावित हैं. पेट का बढ़ना भारत में दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाने वाले बड़े कारणों में से एक है. एक स्टडी के मुताबिक़, मोटापे के बढ़ने और पेट के आसपास ज़्यादा फैट जमा होने की दर अलग-अलग लोगों में क्रमशः 11.8 से 31.3% और 16.9 से 36.3% तक होती है.[2]

हड्डियों की सेहत पर मोटापे का असर:

क्या आप जानते हैं कि मोटापा आपकी हड्डियों की सेहत को प्रभावित करता है? हाई BMI का संबंध आंतों के ज़्यादा मोटा होने से होता है, जिसे पेट का मोटापा भी कहते है. यह हड्डियों को कमज़ोर बनाता है.[3] एक स्टडी के मुताबिक़, जिन महिलाओं में फैट ज़्यादा होता है, वह हड्डियों की बनावट में गड़बड़ी और हड्डियां, अकड़ जाने जैसी समस्या का शिकार हो सकती हैं.[3]

शरीर के बॉडी मास के मुताबिक़ शरीर की मसल्स में जितनी ताक़त होनी चाहिए, मोटे लोगों के शरीर में उतनी नहीं रह जाती. इससे उन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का रिस्क बढ़ जाता है.[4] ऑस्टियोआर्थराइटिस, आर्थराइटिस का सबसे आम रूप है, जो ख़ास तौर से हाथों, घुटनों, कूल्हों और रीढ़ में जोड़ों को प्रभावित करता है.[5]

मोटापा आपकी हड्डियों को कैसे प्रभावित करता है?

हाल की स्टडीज़ बताती हैं कि मोटापे से हड्डियों की डेंसिटी कम होने और फ्रैक्चर होने का रिस्क बहुत ज़्यादा बढ़ सकता है.[6] दूसरे शब्दों में कहें तो मोटापे से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. दरअसल, हड्डियां लगातार ख़ुद में सुधार करती रहती हैं, यानि ऑस्टियोब्लास्ट नाम के सेल्स लगातार नई हड्डियां बनाते रहते हैं और ऑस्टियोक्लास्ट नाम के सेल्स पुरानी हड्डियों को विभाजित करते रहते हैं. मोटापा इन सेल्स पर असर डाल सकता है, जिसके नतीजे में इन दोनों के काम करने की स्पीड में फ़र्क़ आ जाता है और हड्डियों को नुक़सान पहुंचता है. आगे चलकर इससे हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं. यानी मोटापे का शिकार लोगों की हड्डियों की क्वालिटी अच्छी नहीं रह जाती, इसलिए उनमें फ्रैक्चर का ख़तरा बढ़ जाता है. शरीर का वज़न बढ़ने से ना तो इसमें कोई मदद मिलती है, ना ही इससे सुरक्षा होती है.[6]

बल्कि शरीर का वज़न बहुत ज़्यादा बढ़ने से डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां, फेफड़े की बीमारियां आदि समस्याएं हो सकती हैं. साथ ही शरीर की हड्डियों, जोड़ों और मसल्स पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. जोड़ों में एक निश्चित मात्रा में वज़न उठाने और स्ट्रेस संभालने की क्षमता होती है. लेकिन उनपर क्षमता से ज़्यादा वज़न डालने से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं और इन समस्याओं का इलाज करना मुश्किल हो जाता है. बहुत ज़्यादा वज़न डालने से जोड़ों के आसपास के कनेक्टिंग टिश्यू पर भी असर पड़ता है, जिन्हें टेंडन या पेशी कहा जाता है. इससे जलन, लाली आने, सूजन और दर्द की समस्या होती है.[7]

आप क्या कर सकते हैं?

  • वज़न कम करें. जी हां, आर्थराइटिस या चोट लगने के किसी भी ख़तरे को कम करने के लिए वज़न घटाने पर मेहनत शुरू करें.[7]
  • एक्सरसाइज़ से हड्डियां मज़बूत होती हैं, वज़न बढ़ने पर रोक लगती है और मोटापे से प्रभावित लोगों में हड्डियों की ताक़त बढ़ती है. हड्डियों के लिए वज़न उठाने और जॉगिंग जैसी एक्सरसाइज़ बेहतर रहती हैं.[6]  
  • वज़न पर कंट्रोल रखना है, तो अपना खानपान सही रखें. मोटापे और दूसरी बीमारियों से बचे रहने के लिए हेल्थी लाइफ़स्टाइल अपनाएं.[8]
  • अपने आहार में कैल्शियम और विटामिन D की भरपूर मात्रा शामिल करके अपनी हड्डियों को हेल्थी रखें. अपने रोज़ाना के रुटीन में चलने, टहलने और सीढ़ियां चढ़ने जैसी शारीरिक एक्टिविटी को शामिल करें. इससे आपकी हड्डियों को बनने और हड्डियों के नुक़सान के प्रोसेस को धीमा करने में मदद मिलती है.[9]

संदर्भ:

  1. World Health Organization. Obesity and overweight [Internet]. [cited 2018 Feb 16]. Available from: https://www.who.int/en/news-room/fact-sheets/detail/obesity-and-overweight
  2. Ahirwar R, Mondal PR. Prevalence of obesity in India: a systematic review. Diabetes Metab Syndr. 2019 Jan – Feb;13(1):318-21. doi: 10.1016/j.dsx.2018.08.032. Epub 2018 Sep 21.
  3. Shapses SA, Pop LC, Wang Y. Obesity is a concern for bone health with aging. Nutr Res. 2017 Mar;39:1-13. doi: 10.1016/j.nutres.2016.12.010. Epub 2017 Jan 18. Review. PMID: 28385284
  4. Tomlinson DJ, Erskine RM, Morse CI, Winwood K, Onambele-Pearson G. The impact of obesity on skeletal muscle strength and structure through adolescence to old age. Biogerontology. 2016 Jun;17(3):467-83. doi: 10.1007/s10522-015-9626-4. Epub 2015 Dec 14.
  5. Mayo Clinic. Diseases and conditions. Osteoarthritis [Internet]. Available from: https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/osteoarthritis/symptoms-causes/syc-20351925
  6. Hinton PS, Shankar K, Eaton LM, Rector RS. Obesity-related changes in bone structural and material properties in hyperphagic OLETF rats and protection by voluntary wheel running. Metabolism. 2015 Aug;64(8):905-16. doi: 10.1016/j.metabol.2015.04.004. Epub 2015 May 1.
  7. Kelly FB. What your weight means for your bones. (OAC community) 2013. [Internet]. Available from: https://www.obesityaction.org/community/article-library/what-your-weight-means-for-your-bones/
  8. CDC. Overweight and obesity [Internet]. Available from: https://www.cdc.gov/obesity/strategies/index.html
  9. Mayo Clinic. Bone health: tips to keep your bones healthy [Internet] Available from: https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/adult-health/in-depth/bone-health/art-20045060

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