कंटेंट की समीक्षा: अश्विनी एस कनाडे रजिस्टर्ड डाइटीशियन हैं और वो 17 सालों से मधुमेह से जुड़ी जानकारियों के प्रति लोगों को जागरुक कर रहीं हैं.
तथ्यों की जांच: आदित्य नर, बी.फ़ार्मा, एमएससी, पब्लिक हेल्थ एंड हेल्थ इकोनॉमिक्स.
नई दवाओं की सफल खोज, निर्माण और उसकी मार्केटिंग काफ़ी वक़्त लेने वाला काम है, जिसमें क़रीब 10-15 साल तक लग सकते हैं. कोई हैरानी की बात नहीं कि इन दिनों कुछ ऐसे स्थानीय प्राकृतिक दवाओं पर शोध और ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं, जिनका इस्तेमाल वहां के लोगों द्वारा पहले से ही किया जाता रहा है.
साल 2012 में तमिलनाडू में दो शोधकर्ताओं नेे नामक्कल ज़िले के कोल्ली हिल्स के आदिवासियों के ज़रिए डायबिटीज़ के इलाज के तौर पर पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जा रहे पौधे पर अध्ययन किया.
इस बीच एक रोचक खोज यह रही कि ये लोग केउकंडू (हिंदी) या कोस्तम (तमिल)के पत्ते का इस्तेमाल करते थे.(1)
वीडियो देखें: जानें, डायबिटीज़ होने की वजह
मूल रूप से यह पौधा सेंट्रल और साउथ अमेरिका से है, जो बहुत बाद में भारत आया. पर एक यहाँ आने के बाद, ये बड़ेे पैमाने पर लोगों के बीच “इंसुलिन प्लांट” के नाम से मशहूर हो गया. वह शायद इसलिए क्योंकि इसे डायबिटीज़ के इलाज़ के लिए असरदार दवा के तौर पर लोगों की ज़बानी पहचान मिलने लगी..
विज्ञान क्या कहता है?
इस इंसुलिन पौधे के डायबिटीज़ पर नियंत्रण पाने के असर को जानने के लिए कई शोध किए गए. जिसमें एनिमल और एनिमल टिश्यू पर 17 अलग-अलग शोध भी शामिल हैं. नतीजों में यह पाया गया कि इन्सुलिन प्लांट के पत्तों के एक्सट्रेक्ट ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने में कारगर हैं.(2)
नियमित इंसुलिन थेरेपी से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए इसे पढ़ें.
ठीक है… पर इंसानों पर किए गए अध्ययन के नतीजे ?
इस विषय पर अभी और रिसर्च बाकी है. भारत के मनिपाल स्थित कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज में डायबिटीज़ से प्रभावित लोगों पर इस पत्ते से जुड़ा इकलौता रिसर्च किया गया है, जिसके मुताबिक़ अगर डायबिटीज़ वाले व्यक्ति रोज़ाना इंसुलिन प्लांट की ताज़ा पत्ती चबाने लगें या इसके सूखे पत्ते के एक चम्मच पाउडर का सेवन करें, तो उन्हें ब्लड ग्लूकोज़ लेवल नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इस अध्ययन के लेखकों ने अपनी समझ के आधार पर सुझाव दिया है कि इसका असर 15वें दिन से नज़र आता है. इसलिए यह ज़रूरी है कि फ़ायदों को महसूस करने के लिए नियमित तौर पर पत्ते का सेवन किया जाए.(3)
दूसरा पहलू …
इसके पहले कि आप अपने आसपास की नर्सरी में इंसुलिन प्लांट की तलाश करनी शुरू कर दें, एक और रिसर्च को जान लें. इन्सुलिन प्लांट के पत्तों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि इन पत्तों में उच्च मात्रा में पामिटिक एसिड होता है. इस पदार्थ को चूहों के हार्ट मसल्स सेल्स को नष्ट करने और इंसानों के शरीर में बुरे (LDL) कोलेस्ट्राल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है.ऐसे में इस स्टडी पर रिसर्च करने वाले शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक और लगातार इंसुलिन प्लांट का सेवन न करने का सुझाव दिया है.(4)
इन्सुलिन प्लांट ब्लड ग्लूकोज़ पर सकारत्मक असर को साबित कर सके, इसके लिए अभी और रिसर्च करने की ज़रूरत है. इसके अलावा जब तक यह सुनिश्चित न किया जा सके कि इन्सुलिन प्लांट का इस्तेमाल करना इंसानों के लिए सुरक्षित है. तब तक यही बेहतर है कि इस प्राकृतिक इलाज को आज़माने के बजाय, आप इससे जुड़े स्पष्ट रिसर्च का इंतज़ार करें.
अगर आप डायबिटीज़ को नैचुरली कंट्रोल करना चाहते हैं, तो यहां पढ़ें, 4 घरेलू नुस्ख़े.
संदर्भ:
- S. Elavarasi, K. Saravanan. Ethnobotanical Study of Plants used to treat Diabetes by Tribal People of Kolli Hills, Namakkal District, Tamil Nadu. International Journal of PharmTech Research · March 2012 Available online at: https://www.researchgate.net/profile/Saravanan_K3/publication/256296150_Ethnobotanical_Study_of_Plants_used_to_treat_Diabetes_by_Tribal_People_of_Kolli_Hills_Namakkal_DistrictTamilnadu_Southern_India/links/0c960522346df3d3f5000000/Ethnobotanical-Study-of-Plants-used-to-treat-Diabetes-by-Tribal-People-of-Kolli-Hills-Namakkal-District-Tamilnadu-Southern-India.pdf
- P.L. Hegde, H.A. Rao, P.N. Rao. A review on Insulin plant (Costus igneus Nak). Pharmacognosy Review. 2014; 8(15); 74-72 DOI: 10.4103/0973-7847.125536 Available online at: http://www.phcogrev.com/article.asp?issn=0973-7847;year=2014;volume=8;issue=15;spage=67;epage=72;aulast=Hegde
- A.J. Shetty, S.M. Parampalli, R. Bhandarkar, S. Kotian. Effect Of The Insulin Plant ( Costus Igneus ) Leaves On Blood Glucose Levels In Diabetic Patients: A Cross Sectional Study. Journal of Clinical and Diagnostic Research. 2010, June; 4(3); 2617 – 2621
- B. Jose, L.J. Reddy. Analysis Of The Essential Oils Of The Stems, Leaves And Rhizomes Of The Medicinalplant Costus Pictus From Southern India. International Journal of Pharmacy and Pharmaceutical Sciences. 2010; 2(2) Available online at: http://www.ijppsjournal.com/Vol2Suppl2/533.pdf