अगर आप डायबिटिक यानी मधुमेह से प्रभावित हैं तो ‘मुझे एक्सरसाइज़ करनी चाहिए या नहीं’ जैसे सवाल अक्सर आपके मन में आते होंगे, और आपके पास ऐसा सोचने की ठीक वजह भी मौजूद है, कि क्या एक्सरसाइज़ करना आपके लिए ठीक है या नहीं.
जानें डायबिटिक लोगों के लिए एक्सरसाइज़ बेहतर क्यों है?
नियमित एक्सरसाइज़ करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखने का भी यह अच्छा तरीक़ा है. साथ ही, एक्सरसाइज़ आपके शरीर को इंसुलिन (आपका शरीर जो उत्पन्न करता है और जो इंसुलिन आप बाहरी तौर से लेते हैं) के प्रति ज़्यादा संवेदनशील (सेंसिटिव) बनाने में मदद करती है.
जब आप व्यायाम करते हैं, तब आपका मोटापा कम होने लगता है, जिससे आपको इंसुलिन का प्रतिरोध कम करने में मदद मिलती है.(1) ये एक बेहतर तरीक़ा और क़ुदरती ढंग है, जहां बिना किसी दवा को शामिल किए, आप ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं.(2)
लेकिन अगर आप डायबिटीज़ की वजह से ज़्यादा थक जाते हैं, और व्यायाम नहीं कर पाते, तो पढ़ें हमारे एक्सपर्ट की टिप्स, जो आपके लिए फ़ायदेमंद साबित होंगी.
वर्कआउट से पहले
1. अपना आईडी कार्ड साथ रखें: चाहे आप जिम, जॉगिंग या किसी दूसरी एक्टिविटी के लिए ही क्यों ना जा रहे हों, पर घर में किसी न किसी को ख़बर ज़रूर करें. अपने साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसा कोई न कोई पहचान पत्र और साथ ही घर का संपर्क नंबर, इमरजेंसी नंबर अपने साथ रखें. अपने साथ ऐसा नोट रखें जिससे ज़ाहिर हो कि आप डायबिटिक हैं और उसमें आपके डॉक्टर का इमरजेंसी फ़ोन नंबर भी लिखा हो. इसकी मदद से कभी न बोल पाने या ख़ुद से जुड़ी जानकारी न दे पाने की हालत में भी आप अपनों तक पहुँचने में कामयाब हो पाएंगे.
2. ग्लूकोज़ युक्त चीज़ें साथ रखें: छोटी कैंडी, ग्लूकोज़ की टैबलेट या स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे ग्लूकोज़ सप्लीमेंट्स जो तुरंत ग्लूकोज़ की कमी पूरी करते हों, अपने साथ रखें. ये सप्लीमेंट्स आपके शुगर लेवल को गिरने से बचाएंगे. ग्लूकोज़ युक्त चीज़ें आप वर्कआउट शुरू करने के पहले, बीच में और ख़त्म करने के बाद पिएं.(3)
आप इस आसान टिप को भी आज़मा सकते हैं – हाइपोग्लाइसिमिया से राहत पाने के लिए आप 3 चम्मच पिसी हुई शक्कर ले सकते हैं.
3. एक्सरसाइज़ स्ट्रेस टेस्ट करें: अगर आप 40 साल से ज़्यादा उम्र के हैं, तो आप अपने डॉक्टर से एक्सरसाइज़ स्ट्रेस टेस्ट लेने के लिए कहें. इस टेस्ट में आपके डॉक्टर को जानकारी मिलती है कि एक्सरसाइज़ के तनाव में आपका हार्ट किस तरह काम करता है और वो कितना तनाव ले सकता है. इससे डॉक्टर को यह तय करने में मदद होती है कि आपका शरीर इन बदलावों को कितना संभाल सकेगा या ख़ून का दौरा शरीर के सभी हिस्सों में न होने पर क्या होगा.साथ ही आपका शरीर व्यायाम के लिए कितना तैयार है, कितना तंदरुस्त है.
4. कार्बोहायड्रेट वाली चीज़ें खाएं: आपमें एनर्जी बनी रहे इसके लिए आपके शरीर को एक्सरसाइज़ के पहले और बाद में का र्कीबोहायड्रेट ज़रूरत होती है. इसलिए एक्सरसाइज़ करने के एक या दो घंटे पहले और एक्सरसाइज़ करने के बाद में दो घंटे के भीतर कार्बोहाइड्रेट युक्त चीज़ें खाएं. जिससे आपके शरीर की शक्ति कम ना हो. आप हरी मूंग, मटर, सेब, कद्दू और शकरकंद (स्वीट पोटैटो) जैसी कार्बोहायड्रेट वाली चीज़ें खा सकते हैं.
वर्कआउट के दौरान
5. मौसम की नज़ाकत का रखें ख़याल: बहुत ज़्यादा गर्म या ठंडे मौसम में एक्सरसाइज़ करना आपके ब्लड शुगर लेवल में उतार- चढ़ाव की वजह बन सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि सामान्य मौसम में एक्सरसाइज़ करने के मुक़ाबले ज़्यादा गर्म या ठंडे मौसम में शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर को ज़्यादा एनर्जी की ज़रुरत पड़ती है. ज़्यादा गर्म या ठंडे मौसम के हालात में बाहर एक्सरसाइज़ करने के बजाय घर के भीतर ही एक्सरसाइज़ करें.
6. पानी की कमी न होने दें: वैसे तो यह हम सभी के लिए ज़रूरी है, लेकिन अगर आपको मधुमेह यानी डायबिटीज़ है तो आप इस बात का ख़ास ख़याल रखें. एक्सरसाइज़ करने के दौरान शरीर से तरल पदार्थ के तौर पर पसीना निकलना कुदरती है, जिसका मतलब होता है आपके शरीर में पानी की कमी होने के आसार हैं और इसका असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ सकता है. एक्सरसाइज़ शुरू करने के पहले, इसके दौरान और इसे ख़त्म करने के बाद भी पानी पिएं.
7. भारी वरज़िश या गतिविधि से बचें: अगर आपको आंखों की बीमारी, पैरों की तकलीफ़, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिक न्यूरोपैथी या ब्लड शुगर लेवल 250-300 से ज़्यादा होने जैसी कोई भी शिकायत है, तो आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप मुश्किल क़िस्म के व्यायाम करने से बचें. वरज़िश को सहज लें और वॉकिंग, जॉगिंग, स्पॉट जॉगिंग, तैराकी के कुछ ग़ौते लगाने जैसी हल्क़ी फुल्की एक्सरसाइज़ ही करें. इससे आपका ब्लड शुगर का लेवल ज़्यादा कम होने से बचा रहेगा.
8. अपने शरीर को ढलने का वक़्त दें: जब आप व्यायाम करना शुरू करते हैं, तो आपके शरीर को इस बदलाव को अपनाने में समय लगता है. इसलिए यह बहुत ज़रूरी है, कि एक्सरसाइज़ की रफ़्तार और उसका लेवल धीरे-धीरे बढ़ाया जाए, जिससे आपका शरीर बेहतर तरीक़े से ढल सके. इस बात का भी ख़याल रखें कि आप अपने डॉक्टर से ये सलाह ज़रूर लें कि आपके लिए कौन सा विकल्प अच्छा रहेगा.
9. भारी गतिविधि करने के दौरान सावधान रहें: यह एक्सरसाइज़ की ऐसी क़िस्म है जहाँ आप वज़न उठाने से लेकर उसे पुश या पुल करते हैं. इस तरह की एक्सरसाइज़ को करने के दौरान आपको बार-बार अपनी सांसें रोकनी पड़ती है.(2) ऐसे में अगर आपको रेटिनोपैथी है, तो यह आपके लिए ख़तरनाक हो सकता है.(3,4) इस तरह के व्यायाम करने के पहले अपने डॉक्टर के साथ ही आँखों के डॉक्टर से भी सलाह मशवरा कर लें.
वर्कआउट के बाद
10. अपने शरीर की सुनें: फ़िट रहने के लिए, अपने शरीर के इशारों को अनदेखा या अनुसना न करें. अगर आप किसी भी तरह का दर्द महसूस करें या असहज हो तो फ़ौरन व्यायाम रोक दें. थोड़ी देर का विराम लें, पानी पिएं और गहरी सांस लें.
वॉर्म-अप करना और कूल डाउन होना न भूलें
व्यायाम से पहले और बाद में बेहतर ढंग से वॉर्म-अप और कूल-डाउन होना ज़रूरी है. यह शरीर को एक्सरसाइज़ करने के लिए तैयार होने और एक्सरसाइज़ के बाद शरीर को सामान्य होने में मदद करता है.(3)
डायबिटिक लोगों के लिए नियमित एक्सरसाइज़ करना बेहद ज़रूरी है. लेकिन उससे भी अहम यह है कि एक्सरसाइज़ इस तरह की जाए कि इससे कोई भी ख़तरा ना हो. इसलिए अगली बार जिम जाने के दौरान जब आप कुछ नया आज़माएं या रेगुलर एक्सरसाइज़ करें, तो इन बातों का ज़रूर ख़याल रखें.
संदर्भ:
(1) T E Keshel, R H Coker. Exercise Training and Insulin Resistance: A Current Review. Journal of Obesity & Weight Loss Therapy. 2015 Jul; 5(0 5): S5-003.
(2) S R Colberg, R J Sigal, B Fernhall, J G Regensteiner, et al. Exercise and Type 2 Diabetes. Diabetes Care. 2010 Dec; 33(12): e147–e167. doi: 10.2337/dc10-9990. PMCID: PMC2992225
(3) EXERCISING SAFELY WITH DIABETES by Meg Thompson, available at https://nfb.org/images/nfb/publications/vodold/vfal9804.htm
(4) E Atchison and A Barkmeier. The Role of Systemic Risk Factors in Diabetic Retinopathy. Current Ophthalmology Reports. 2016; 4(2): 84–89. Published online 2016 Mar 25. doi: 10.1007/s40135-016-0098-8