माना कि आप पिछले दो महीने से हर दिन दो फल और सलाद खाते हैं. यही नहीं, आपने बाहर खाना-पीना भी कम कर दिया है. आप सप्ताह में छह दिन व्यायाम करते हैं. आप दिन भर में खूब पानी पीते हैं. इसके बावजूद, वज़न का कांटा कुछ और ही कहानी कहता है. घटने की जगह, आपका एक या दो किलो वज़न बढ़ गया है.
हम शर्त लगाकर कह सकते हैं कि आप अपना सिर खुजा रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. इसका जवाब बड़ी ही अजीब आदत में छिपा है: पूरी नींद न लेना.
खाने-पीने की चीज़ों पर क़ाबू और एक्सरसाइज़ की तरह ही, नींद भी सेहतमंद लाइफ़स्टाइल का अहम हिस्सा है. अगर आप मोटापा घटाना चाहते हैं, तो सिर्फ़ सही खाने-पीने और एक्सरसाइज़ करने से काम नहीं चलेगा. आपको रात में अच्छी नींद भी लेनी होगी.
क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ के ब्याज की तरह ही, नींद का ब्याज भी आपकी ज़िंदगी को तहस-नहस कर सकता है.
सबसे पहले, नींद की कमी और वजन बढ़ने के बीच संबंध के बारे में बात करते हैं.
नींद की कमी से आपके हार्मोन पर असर पड़ता है, खासतौर पर लेप्टिन और घ्रेलिन के स्तर पर. घ्रेलिन वह हार्मोन है जिसकी वजह से आपको भूख महसूस होती है. यह आपको बताता है कि खाना-खाने का समय हो गया. वहीं दूसरी ओर, लेप्टिन एक ऐसा हार्मोन है जिसकी वजह से महसूस होता है कि आपको भूख नहीं है. यह आपको इशारा करता है कि अब खाने-पीने की चीज़ों की तरफ हाथ नहीं बढ़ाना चाहिए. जब आप ठीक से नींद नहीं लेते है, तब आपका शरीर ज़्यादा मात्रा में घ्रेलिन और कम मात्रा में लेप्टिन बनाता है. यही वजह है कि भरपूर नींद न लेने से आपकी भूख बढ़ जाती है और आप ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी खाते नज़र आते हैं. इतना ही नहीं, देर रात में कुछ खाने-पीने से आपका वज़न बहुत जल्दी बढ़ता है.
बात यहीं खत्म नहीं होती है. अच्छी नींद न लेने से आपकी खाने-पीने की आदतों पर भी बुरा असर पड़ता है. फ़ैसला लेने और खुद पर क़ाबू रखने में अहम रोल अदा करने वाले आपके दिमाग के फ्रंटल लोब यानी अगले हिस्से की गतिविधि घट जाती है. साथ ही, नींद कम लेने से तनाव को बढ़ाने वाले कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. बढ़ा हुआ कोर्टिसोल आपको फ़ैट और शुगर यानी की फ़ैट और चीनी वाली चीज़ें खाने को ललचाता है. शायद यही वजह है कि रात को ठीक से नींद न लेने के बाद आप एक कटोरी आइसक्रीम या एक पैकेट चिप्स के लिए मना नहीं कर पाते हैं.
बढ़ा हुआ इन्सुलिन रेसिसटेंट्स (इंसुलिन प्रतिरोधक) नींद और खाने-पीने के बीच सही तालमेल न होने का ही नतीजा है. ठीक से नींद न लेने से थाइरॉइड स्टीमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) और टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर असर पड़ता है, जो इंसुलिन से जुड़ी संवेदनशीलता (सेन्सिटिविटी) को कम करता है और डायबिटीज़ को बढ़ाता है. जब आपकी सेल इन्सुलिन रेसिसटेंट हो जाती हैं, तो ब्लड स्ट्रीम में बहुत ज़्यादा शुगर रह जाता है. यह शुगर धीरे-धीरे शरीर में फ़ैट के रूप में जमा हो जाता है.
इसके अलावा, नींद की कमी की वजह से आपको दिनभर ऊर्जा की कमी महसूस होती है. नतीजतन, इस बात की संभावना कम ही रह जाती है कि आप एक्सरसाइज़ करने में दिलचस्पी दिखाएं. फिज़िकल एक्टिविटी की कमी से आपके वज़न घटाने की कोशिश में रुकावट आ सकती है.
अब जब आप यह जान चुके हैं कि भरपूर नींद न लेने से वज़न घटाने में मुश्किल आ सकती है, तो आप यह भी समझ सकते हैं कि छरहरा बनने के लिए आठ घंटे की नींद कितनी ज़रूरी होती है.
हम समझते हैं कि देर तक काम में मशगूल रहने, वक़्त पर काम पूरा करने, रात में देर से खाना खाने और इलेक्ट्रॉनिक गैजट का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करने की वजह से नींद में खलल पड़ती है. इसीलिए, हम कुछ सुझाव दे रहे हैं ताकि थोड़े-बहुत फ़ेर-बदल के साथ आप इन परेशानियों से बाहर निकल सकें:
आज ही आज़माएं
- शाम 5 बजे के बाद चाय या कॉफी न लेना अच्छा होता है. इन चीज़ों में कैफ़ीन की मात्रा आपको देर रात तक जगाए रहती है. अगर आपको कोई गर्म चीज़ पीनी है, तो दूध या कैमोमाइल टी पीना अच्छा रहता है.
- हल्का खाना खाने की कोशिश करें. जब आप सोने से पहले भारी भोजन करते हैं, तो इससे हाज़मा खराब हो सकता है. पेट से लेकर गले तक जलन भी महसूस हो सकती है. यह अच्छी नींद लेने में भी रुकावट पैदा कर सकता है. शाम को स्नैक के तौर पर सैंडविच या सलाद लेने से आप रात को ज़्यादा खाने से बच जाएंगे.
- रात को 9.00 बजे से पहले रात का खाना खा लेना अच्छा रहता है. अगर ऐसा न कर पाएं तो ऑफ़िस से निकलते वक़्त फल या बिना तले स्नैक्स खाएं जैसे कि भूना हुआ मखाना. घर पहुंचने के बाद, ज़्यादा से ज़्यादा एक रोटी या आधा कटोरी चावल के साथ थोड़ी दाल और सब्ज़ी खाएं.
- टेलीविज़न, स्मार्टफोन, आईपैड और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नीली रोशनी निकलती है जो आपकी नींद पर बुरा असर डालती है. इसलिए, अच्छा यही होगा कि आप बिस्तर पर जाने से एक घंटे या कम से कम आधे घंटे पहले इस तरह के गैजट का इस्तेमाल न करें.
- दिन में सोने की वजह से आपकी रात की नींद खराब होती है. इसीलिए, अगर आप दिन में सोते हैं, यही कोशिश करें कि 20 मिनट से ज़्यादा की झपकी न लें. एक लंबी झपकी आपको तरोताज़ा महसूस करवाने के लिए काफ़ी होती है.
- रात का खाना खाने के तुरंत बाद अपने दांतों को ब्रश करें या सौंफ चबाएं. मिंट वाला स्वाद आपको रात का खाने के बाद कुछ उल्टा-सीधा खाने से दूर रहने में मदद कर सकता है.
- कोशिश करें कि आप एक तय समय पर सोएं और जागें. यह आदत आपको रोज़मर्रा के काम तय वक़्त पर करने और सही खाना-पान अपनाने में मदद करती है. अच्छा होगा कि आप रात को बारह बजे से पहले सो जाएं ताकि भरपूर नींद ले सकें.
रात को अच्छी नींद लेने के लिए वक़्त निकालें और छरछरे बनने के सपने को सच कर दिखाएं.