हार्ट फ़ेलियर (HF) को एक ऐसी स्थिति के तौर पर परिभाषित किया गया है जिसमें दिल, शरीर की ज़रूरत के हिस्साब से खून नहीं पम्प कर पाता. इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. यह स्थिति काफी हद तक दिल की समस्याओं से जुड़ी है, लेकिन कई बार इससे किडनी भी प्रभावित हो जाते हैं[1]. इसी बीच लाइफ़स्टाइल की कुछ आदतें, जैसे डाइट और एक्सरसाइज़ सेहत को कंट्रोल में रखने के लिए बिना किसी शक के अहम भूमिका निभाती हैं. HF कोई अलग नहीं है[2]. यहां बताया गया है कि दिल की बेहतरी के लिए आप किस तरह से अपनी नियमित हेल्दी डाइट की योजना बना सकते हैं.
शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्व
आमतौर पर हमें बेहतर डाइट के तौर पर बिना फ़ैट वाली चीज़ें खाने, कम नमक का इस्तेमाल करने और बिना कोलेस्ट्रॉल खाना खाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, मौजूदा समय में यह सलाह काफी नहीं है. हार्ट फ़ेलियर वाले पेशंट में आमतौर पर पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी देखी जाती है. इसके अलावा उनमें जिंक, सेलेनियम और थियामिन जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रोन्यूट्रीएंट्स) की भी कमी पाई जाती है. अलग-अलग ज़रूरी पोषक तत्वों में से कैल्शियम, विटामिन D, मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक हार्ट फ़ेलियर में अहम भूमिका निभाते हैं[2].
डायट में किए जाने वाले बदलाव
शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए रोज़ाना की अपनी डायट में बदलाव के कुछ आसान तरीके बताए जा रहे हैं[1]:
- नमक कम करें: यह सिर्फ़ खाना बनाते समय नमक का कम इस्तेमाल करने तक ही सीमित नहीं है. यहां उन चीज़ों में नमक का इस्तेमाल करने के बताया गया है जिसे पकाया जा रहा है और यह भी कि इसे कैसे पकाना है. कम नमक वाली चीज़ों में डेयरी उत्पाद, अंडे, फलियां, ताजा मीट और मछली शामिल हैं. खाना पकाने के दौरान अपने खाने में नमक की मात्रा कम करने के लिए खाने को उबालने, रोस्ट करने, स्टीम करने और ग्रिल करने जैसे तरीकों को आज़माने की सलाह दी जाती है. इसी तरह चावल, पास्ता या अनाज को पकाते या उबालते समय पानी में नमक डालने से बचें. इसी तरह लहसुन, सिट्रिक जूस और प्याज़ का इस्तेमाल करके भी नमक की मात्रा में कटौती की जा सकती है. घर में या बाहर खाना खाते समय अचार, सरसों या टार्टर सॉस के इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए. इनमें बहुत ज़्यादा मात्रा में नमक पाया जाता है. आप अपने खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए इनकी जगह प्याज़, सलाद और टमाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. जब आप कहीं बाहर खाना खाने के लिए जाते हैं, तो खानसामा (खाना बनाने वाला) को आप खाने में कम नमक का इस्तेमाल करने या फिर मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) को नहीं डालने के लिए कह सकते हैं.
- ताज़ी चीज़ें खाएं: डायट में हमेशा ज़्यादा से ज़्यादा ताज़ी चीज़ों जैसे कि फल और सब्जियां और बिना मसाले वाली चीज़ें शामिल करनी चाहिए. ये भी बहुत लाजवाब चीज़ें हैं और इनमें कुछ हर्ब्स को शामिल कर इन्हें और भी लज़ीज़ बनाया जा सकता है. ये आपके शरीर में पोषक तत्वों की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं. आपको इससे ज़्यादा और क्या चाहिए?
- लेबल की जांच करें: अपने खाने से जुड़ी आदतों और पसंद पर नज़र रखने का एक और शानदार तरीका ये है कि चीज़ों को खरीदते समय उस पर लगे लेबल की बारीकी से जांच करें. यह पक्का करें कि आप जो चीज़ खरीद रहे हैं, उसमें 350 मिलीग्राम से ज़्यादा सोडियम न हो. आपके शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्व आपके खाने में मौजूद होने चाहिए. हमेशा कैलोरी की वैल्यू, साथ ही पैकेजिंग पर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फ़ैट की ज़ानकारी को भी देखना चाहिए.
सावधानी के साथ खाने का मतलब ये नहीं है कि आप स्वादिष्ट भोजन नहीं खा सकते हैं, और निश्चित तौर पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप दोस्तों और परिवार के साथ खाने का लुत्फ़ नहीं उठा सकते. कुछ आसान तरीकों के ज़रिए आप हेल्दी, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं. इससे जहां आपकी सेहत ठीक रहेगी, वहीं आपका दिल भी खुश रहेगा.
संदर्भ:
- University of California San Francisco. Diet and congestive heart failure [Internet]. [cited Jan 8 2020]. Available from: https://www.ucsfhealth.org/education/diet-and-congestive-heart-failure.
- Rothberg MB, Sivalingam SK. The New Heart Failure Diet: Less Salt Restriction, More Micronutrients. Journal of General Internal Medicine [Internet]. 2010 Oct 1 [cited 2020 Jan 30];25(10):1136–1137. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2955483/