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अक्सर कई डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल की समस्या से प्रभावित लोगों को स्टैटिन लेने की सलाह देते हैं. अब स्टैटिन को तो दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है, ऐसे में कभी-कभी पेशंट पूछ सकते हैं कि आखिर उन्हें दवा लेने की ज़रूरत क्यों है – “क्या सिर्फ़ खानपान और एक्सरसाइज़ के ज़रिए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल नहीं किया जा सकता?” कई लोग मसल्स की समस्या और डायबिटीज़ जैसे स्टैटिन से जुड़े संभावित जोखिम को लेकर भी चिंतित हो सकते हैं. इन सवालों के जवाब पाने के लिए स्टैटिन के बारे में जानना और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके आगे होने वाली परेशानी से बचाने में इसके रोल को समझना बहुत ज़रूरी है.[1]

स्टैटिन क्या है?

स्टैटिन ख़ून में हाई कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं हैं. इनका काम होता है ख़ून में मौजूद ऐसे कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकाल कर लिवर की मदद करना, जिनकी शरीर को ज़रूरत नहीं होती.[1] ये कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दुनिया भर में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम दवाओं में से हैं. पेशंट की हेल्थ में सुधार लाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों से बचाव करके मृत्यु दर कम करने के मामले में इनका नतीजा शानदार रहा है.[2]

स्टैटिन कैसे काम करती हैं?

स्टैटिन लिवर में लो-डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल के प्रोडक्शन को कम करती हैं, जिससे ख़ून में लो-डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है.[3] इस तरह से स्टैटिन दिल की सेहत से जुड़ी कई परेशानियों जैसे स्ट्रोक और हार्ट अटैक के साथ-साथ कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ को भी रोक देती हैं. ये एंटी-इन्फ्लामेट्री भी होती हैं, इसलिए धमनियों में ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल बनने से होने वाली समस्याओं में भी मदद करती हैं.[3]

स्टैटिन की ख़ुराक

स्टैटिन को आमतौर से उनके लेवल के मुताबिक़ बांटा जाता है: हाई-इंटेंसिव और लो-इंटेंसिव स्टैटिन. लो-इंटेंसिव स्टैटिन आमतौर पर उन पेशंट को लिखी जाती हैं, जिन्हें दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम होता है. जबकि हाई-इंटेंसिव उन पेशंट के लिए होती हैं, जिन्हें पहले से दिल की बीमारी है.[3]

स्टैटिन के फ़ायदे

स्टैटिन का सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि आमतौर से शरीर इसे अच्छी तरह से सहन कर लेता है. हालांकि स्टैटिन आपके लिए कितना फ़ायदेमंद और कितना नुक़सानदेह है, ये बात आपके डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और कंडीशन के मुताबिक़ ज़्यादा बेहतर बता सकते हैं. फिर भी, स्टैटिन के कुछ साबित हो चुके फ़ायदे इस तरह हैं.[4]

  • लिपिड लेवल कम करती हैं: स्टैटिन शरीर में लिपिड लेवल कम करने के साथ-साथ दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने की सबसे कामयाब दवाओं में से एक है. ये दिल की बीमारी के पेशंट को आगे होने वाली परेशानियों से भी बचाती हैं, भले ही उनकी कोई भी उम्र हो या वे महिला हो या पुरुष हों. या फिर उन्हें डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या दिल से जुड़ी कोई और समस्या ही क्यों ना हो.
  • वैसोडायलेटरी प्रभाव: स्टैटिन वासोडिलटेशन में सुधार करती हैं, जिससे धमनियों को फैलने में आसानी होती है. इसका हाइपरटेंशन, स्मोकिंग और हाई ब्लड शुगर लेवल जैसी उन कंडीशन में फ़ायदा मिलता है, जिनमें ख़ून की धमनियों की फैलने की क्षमता ख़त्म हो जाती है.
  • एंटी-इन्फ्लामेट्री प्रभाव: ये पहले ही साबित हो चुका है कि स्टैटिन में एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जिनसे कोरोनरी और दिल की बीमारी के जोखिम कम होते हैं.
  • थक्का बनने से रोकती हैं: स्टैटिन ख़ून का थक्का बनने से रोकती हैं और धमनियों के ज़रिए ख़ून के बहाव को आसान बनाती हैं. इन्हें शरीर में मौजूद ख़ून के थक्कों को ख़त्म करने के लिए भी जाना जाता है.

स्टैटिन के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स?

ऐसा नहीं है कि स्टैटिन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. स्टैटिन के इस्तेमाल से पेशंट में कुछ समस्याएं देखी गई हैं, जैसेकि:[2]

  • मसल्स से जुड़ी बीमारियां जैसे कि माइएलजिया और मायोसिटिस
  • लिवर का काम-काज प्रभावित होना
  • डायबिटीज़
  • किडनी से जुड़ी समस्याएं
  • मूड सही ना रहने और स्वभाव में चिड़चिड़ापन जैसे न्यूरोलॉजिकल मुद्दे
  • दूसरी दवाओं के साथ प्रतिक्रिया

स्टैटिन का इस्तेमाल ही काफ़ी नहीं

एक बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं का सामना करने के लिए एक ख़ास तरह की देखभाल बहुत ज़रूरी होती है, भले आप स्टैटिन ले रहे हों या नहीं. कोलेस्ट्रॉल की समस्या वाले लोगों के लिए कुछ ज़रूरी चीज़ें:[3]

  • एक्सरसाइज़ करें और वज़न पर कंट्रोल रखें
  • शराब बहुत ज़्यादा ना पिएं
  • खानपान सही रखें और खाने की मात्रा पर भी ध्यान दें
  • स्मोकिंग से पूरी तरह दूरी बना लें

स्टैटिन का नियमित इस्तेमाल और कुछ अच्छी आदतें सेहतमंद और खुशियों से भरपूर ज़िंदगी जीने में आपकी मदद कर सकती हैं!

संदर्भ:

  1. US Food & Drug Administration. Controlling cholesterol with statins [Internet]. [Updated 2017 Feb 16; cited 2019 Dec 6]. Available from: https://www.fda.gov/consumers/consumer-updates/controlling-cholesterol-statins.
  2. Ramkumar S, Raghunath A, Raghunath S. Statin therapy: review of safety and potential side effects. Acta Cardiol Sin. 2016 Nov;32(6):631-639. doi: 10.6515/ACS20160611A.
  3. Public Health England. Health matters: what you need to know about statins [Internet]. [updated 2019 Mar 18; cited 2019 Dec 6]. Available from: https://publichealthmatters.blog.gov.uk/2019/03/18/health-matters-what-you-need-to-know-about-statins/.
  4. Pinal-Fernandez I, Casal-Dominguez M, Mammen AL. Statins: pros and cons. Med Clin (Barc). 2018 May 23;150(10):398-402. doi: 10.1016/j.medcli.2017.11.030.
  5. Alberts B, Johnson A, Lewis J, et al. Molecular biology of the cell. 4th ed. [Internet]. 2002 [cited 2019 Dec 6]. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK26848/.

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