benefits of walking for diabetics
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एक्सरसाइज़, ख़ासकर चलना डायबिटीज़ (मधुमेह) को कंट्रोल करने का आसान और उपयोगी तरीक़ा माना जाता है. ये कहना है एट मंथन वेलनेस सेंटर के वेलनेस डायरेक्टर, डॉ. मनोज कोठारी का. इसके अलावा डॉ. कोठारी आगे हमें डायबिटीज़ के दौरान चलने (वॉकिंग) के महत्व पर कुछ और बातें बता रहे हैं.

चलना क्यों ज़रूरी है?

व्यायाम आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे आपकी मांसपेशियां आसानी से ग्लूकोज़ को सर्कुलेट (परिचालित) कर पाती है और इंसुलिन बेहतर काम करने लगता है. साथ ही व्यायाम आपके इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और ग्लूकोज़ के उपयोग में सुधार लाने में मदद करता है.

डायबिटीज़ के दौरान चलने के टॉप फ़ायदे क्या हैं?

  • व्यायाम आपको तरोताज़ा और ख़ुश महसूस करने में मददगार है. ये आपको तनाव से राहत दिला सकता है, इसके अलावा ये ‘हैप्पी हारमोन’ सेरोटोनिन के स्राव को भी बढ़ावा देता है.
  • व्यायाम का एक फ़ायदा ये भी है कि इससे आपको अपना मूड ठीक करने में भी आसानी होती है, जिससे अवसाद और चिंता जैसे विकार से राहत मिलती है.
  • व्यायाम करने या फिर चलने से आपका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. चलना, ब्लड प्रेशर को कम करने और ह्रदय को तंदुरुस्त बनाए रखने में भी सहायक है.
  • व्यायाम आपकी त्वचा के अलावा आपकी श्वसन क्रिया को भी बेहतर बनाता है और इस तरह ये आपके शरीर से विषैले पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है.
  • व्यायाम से आप आराम की नींद ले पाते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य के प्रमुख संकेतकों में से एक है. [1]
  • चलने से आपके पेट के आसपास की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है, जो टाइप 2 डायबिटीज़ के प्रमुख कारकों में से एक है.[2]
  • व्यायाम से एंडोर्फिन्स नाम के हार्मोन निकलते हैं जिससे दर्द से जुड़ी संवेदनशीलता को कम किया जा सकता है.
  • नियमित व्यायाम से इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर बनाए जाने के नतीजे भी सामने आये हैं. जिससे आप बेहतर ढंग से डायबिटीज़ को मैनेज कर सकते हैं.
  • व्यायाम आपके मस्तिष्क से जुड़े कार्यों में भी सुधार लाता है, साथ ही आपकी याददाश्त को बढ़ा सकता है.
  • व्यायाम से आपकी कामेच्छा और यौन कार्यों में सुधार होता है.

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खाने के बाद 15 मिनट का वॉक लें

अगर आपको किसी तरह का पेट दर्द या बेचैनी न हो रही हो, तो आप खाने के बाद कम से कम 15 मिनट चलने की कोशिश करें, इससे आपकी पाचन क्रिया मज़बूत होगी और साथ ही आपके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और उसे सही स्तर पर बनाए रखने में मदद मिलेगी.

शुरुआत धीरे चलने से करनी चाहिए और फिर 15 से 30 मिनट तक चलने की अपनी गति को बढ़ाना चाहिए. भोजन के बाद चलने का एक फ़ायदा ये भी है कि इसके ज़रिए रक्त से ग्लूकोज़ आसानी से अलग हो पाता है. जिसका इस्तेमाल मांसपेशियां करती हैं. साथ ही इस तरह चलने से खाने के तुरंत बाद बढ़ने वाले शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है.

अपने लक्ष्य को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं:

डायबिटीज़ के दौरान एक व्यक्ति को एक दिन में न्यूनतम 10,000 कदम चलने चाहिए. इस स्थिति को आदर्श माना जाता है. लेकिन शुरुआत में ही आप इसको अपना लक्ष्य न बनाएं. अपनी क्षमता और धीरज के आधार पर अपना एक लक्ष्य निर्धारित करें और इस लक्ष्य के प्रति अपने आप को आगे बढ़ाते रहें.

एक बार जब आप अपने लक्ष्य को हासिल कर लें, और ख़ुद को थोड़ा और बेहतर करने का लक्ष्य दें, तो आप और आगे बढ़ सकते हैं. आपको बस एक बात का ख़याल रखना है कि ख़ुद को स्वस्थ्य बनाए रखने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, आप अपने आप को प्रेरित करना जारी रखेंगे.

घर के भीतर वॉक करें या बाहर – क्या है बेहतर और क्यों ?

घर के भीतर (ट्रेडमिल पर) और बाहर वॉक करना, दोनों के अपने नुक़सान और फायदें हैं.पर आख़िरकार सब इस बात पर निर्भर होता है कि आप किस जगह पर कितना वॉक करते हैं, और किस-किस तरह से करते हैं.


आइये जानते हैं ट्रेडमिल पर वॉक करना बेहतर है या आउटडोर वॉक.

घर में वॉक करने के फ़ायदे

  • घर में वॉक करने का एक फ़ायदा ये है कि आप वॉक न करने का कोई बहाना नहीं बना सकते. साथ ही बाहर का मौसम भी आड़े नहीं आता.
  • आप कितना चले इसका रिकॉर्ड रख पाते हैं, हालांकि अब आप बाहर कितना वॉक करते हैं, इसका रिकॉर्ड रखने के लिए गैजेट्स भी उपलब्ध हैं.
  • कैलोरी बर्न करने का सबसे बेहतरीन ज़रिया होने के साथ ही यह आपके सही पोस्चर और फॉर्म को भी बनाए रखता है. रोज़ाना वही फ़र्श होने की वजह से सही पोस्चर बना रहता है.
  • अगर आप बीमारी हैं, तो किसी भी वक़्त बाथरूम जाने की ज़रूरत पड़ सकती है ऐसे में घर में वॉक करना सुविधाजनक होता है.
  • आप पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं, ख़ासकर तब जब बाहर का माहौल सुरक्षित ना हो या प्रदूषण भरा हो.

बाहर वॉक करने के फ़ायदे:

  • बाहर चलना आपके मिज़ाज और शरीर के लिए ज़्यादा अच्छा होता है.  
  • ताज़ी हवा (केवल प्रदूषण रहित जगहों पर )और रोज़ाना सूरज की रौशनी (विटमिन डी) आपकी  हेल्थ पर जादुई तरीक़े से असर करती है.
  • बाहर रास्ते पर चलना ट्रेडमिल पर चलने के मुक़ाबले ज़्यादा कैलोरी बर्न कर सकता है.

इसे भी पढ़ें: भारतीयों को डायबिटीज़ होने की संभावना ज़्यादा क्यों है?

सभी डायबिटिक लोगों को वॉक शुरू करने के पहले इन बातों का ख़याल रखना चाहिए.

  • आप अपने डॉक्टर से मशवरा करें, किस वक़्त और कितनी देर तक वॉक पर जा रहे हैं इसकी योजना पहले से बनाकर रखें.साथ ही वॉकिंग रूट की भी पहचान करें.
  • शुरुआत धीमी गति से करें, लेकिन कुछ दिन गुज़रने के बाद अपनी गति में इज़ाफ़ा करें.
    देखा जाए तो चलने के दौरान या वॉक लेने पर आपको पसीना आना चाहिए और आपकी हृदय की गति बढ़नी चाहिए.अगर आप सिर्फ़ दोस्तों के साथ घूम रहे हैं या अपने फ़ोन पर बात कर रहे हैं, तो उसे चलना नहीं माना जाना चाहिए.
  • चलने से पहले हमेशा एक गिलास पानी पिएं और कुछ मीठा, सूखे फल या ताज़े फल अपने साथ रखें.
  • अपने साथ हमेशा पानी रखें. अगर आप दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो ये काफ़ी ज़रूरी है कि वॉक के बाद उन्हें लें.
  • अगर आप किसी रोग या घुटनों की समस्या से नहीं जूझ रहे हैं, तो आपको कार्डियो करना चाहिए.
  • भोजन के बीच के लंबे अंतराल के बाद आपको चलने से परहेज़ करना चाहिए.

    सन्दर्भ

    1. Emi Morita,corresponding author1 Makoto Imai,2 Masako Okawa,3 Tomiyasu Miyaura,4 and Soichiro Miyazaki3 A before and after comparison of the effects of forest walking on the sleep of a community-based sample of people with sleep complaints. Published online 2011 Oct 14. doi: 10.1186/1751-0759-5-13. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3216244/
    2. Hye-Ryun Hong, Jin-Ok Jeong, Ji-Young Kong, Sang-Hee Lee, Seung-Hun Yang, Chang-Duk Ha. Effect of walking exercise on abdominal fat, insulin resistance and serum cytokines in obese women. Published online 2014 Sep 10. doi: 10.5717/jenb.2014.18.3.277. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4241903/

     

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